Sheikh Chilli Kahani Hindi Mein – शेख चिल्ली की कहानी : पहली कहानी इन हिंदी
Sheikh Chilli Hindi Kahani – Pehli Kahani In Hindi
शेखचिल्ली को एक बार किसी सेठ के घर नौकरी मिल गई।
शेख चिल्ली उसके लिए घर का सारा काम करता था।
सेठ को भी राहत मिली कि घर में हाथ मिलाने आया था।
वह सोचता था कि अब सारा काम आसानी से हो जाएगा और मुझे किसी बात की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
शेखचिल्ली ने घर का सारा काम भी बखूबी संभाला था।
वह प्रतिदिन पूरे घर की अच्छी तरह से सफाई करता था।
उसकी एक ही आदत थी कि वह घर से निकलने वाला सारा कचरा खिड़की से बाहर फेंक देता था।
घर साफ-सुथरा हुआ करता था, लेकिन खिड़की से गिरने वाले कचरे ने कुछ राहगीरों के कपड़े जरूर खराब कर दिए।
कुछ देर बाद शेखचिल्ली की इस हरकत से आसपास के सभी लोग परेशान हो गए।
शेख चिल्ली की कहानी इन हिंदी
राहगीरों ने मिलकर शेख के बारे में सेठ से शिकायत करने का फैसला किया।
फैसला होते ही मोहल्ले के तमाम लोग सेठ के घर पहुंच गए।
अपने घर में इतने लोगों को एक साथ देखकर सेठ को कुछ समझ नहीं आया।
उसने पूछा, “तुम लोग अचानक यहाँ? क्या हुआ?
इसके जवाब में लोगों ने सेठ को हर दिन खिड़की से गिरने वाले कचरे के बारे में बताया।
यह सुनकर सेठ ने आवाज उठाते हुए शेख को अपने पास बुलाया।
शेख के आते ही सेठ ने उससे कहा कि ये सब तुमसे शिकायत कर रहे हैं कि तुम ऊपर से लोगों पर कूड़ा फेंकते हो।
ऐसा दोबारा कभी मत करना ।
शेख ने मासूमियत से पूछा कि साहब! घर का कूड़ा-करकट बाहर नहीं होगा तो कहां फेंकूंगा?
सेठ ने उत्तर देते हुए कहा, “अच्छे लोगों को देखकर आप कूड़ा फेंकते हैं।
अगर आप इसे ऐसे ही फेंकते हैं, तो लोगों को परेशानी होगी।
शेख चिल्ली की स्टोरी इन हिंदी
शेख ने सिर हिलाया और कहा, “ठीक है, अब से जैसा तुम कहोगे, मैं वैसा ही करूंगा।”
सेठ ने कहा, “ठीक है, जाओ और और काम करो।”
अगले दिन शेख घर की सफाई करने के बाद खिड़की पर कूड़ा-करकट लेकर घंटों खड़ा रहा।
कुछ देर बाद वह आराम से कचरा गिराने लगा।
वहां से एक लड़का तैयार हो रहा था। सारा कचरा उस पर गिर गया।
क्रोध की अवस्था उस व्यक्ति ने सेठ से तेज आवाज में बोलते हुए अंदर प्रवेश कर गया।
सेठ ने उससे आराम से पूछा की बताओं की हुआ क्या हैइतने क्रोधित क्यों हो ?”
“उस युवक ने बताया की सेठ जी तुम्हारे नौकर शेखचिल्ली ने तुम्हारे यहां कैसा कचरा मेरे ऊपर डाल दिया है।
और आज मुझे एक महत्वपूर्ण काम से बाहर जाना है ।
सेठ जी ने गुस्से में शेखचिल्ली से कहा की मैंने तुम से पहले ही कहा था की तुमने लोगों पर कूड़ा करकट क्यों डाला है ।
शेख ने उत्तर दिया, “साहब , आपने कहा था कि आप एक अच्छे व्यक्ति को देखकर ही आसानी से कचरा फेंक सकते हैं।
मैंने वही किया है। मैं काफी देर तक खिड़की के पास कूड़ाकरकट लेकर अच्छे आदमी का इंतजार करता रहा।
मुझे ये अच्छे व भले आदमी लगे , इसलिए मैंने आसानी से उन पर कचरा फेंक दिया।
शेखचिल्ली के बेवकूफी भरी बातें सुनकर युवक वहाँ से अपने घर की और चल दिया और सेठ दुखी होकर वही बैठ गया।
Moral of the Story: कहानी से सबक:
Moral Story of Sheikh Chilli Story In Hindi: बोले गए शब्दों को केवल कैद नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि मतलब को भी बखूबी लेना समझना चाहिए।
तभी कुछ ठीक से समझा जा सकता है, नहीं तो गलतियाँ होना तय है।