Topiwala Aur Bandar Ki Kahani-बंदर और टोपीवाले की कहानी |

 Panchtanra short  stories Hindi mein-Topiwala Aur Bandar Ki Kahani

एक ज़माने में एक गाँव में एक व्यापारी रहता था। वह अपना पेट भरने के लिए गांव-गांव टोपियां बेचता था।

वह रोज सुबह एक बड़ी टोकरी में टोपी लेकर बाहर जाता था।

उन्हें बेचने के बाद शाम तक वह अपने घर आ जाता था।

एक सुबह वह अपनी टोकरी में रंग-बिरंगी टोपियाँ लिए बाहर गया। एक गांव में टोपियां बेचने के बाद वह दूसरे गांव जा रहा था।

चलते-चलते वह बहुत थक गया था। उस रास्ते से गुजरते समय एक जंगल भी था।

उसने जंगल में एक बरगद का पेड़ देखा। उसने सोचा क्यों न पेड़ के नीचे बैठकर आराम किया जाए! व्यापारी बहुत थक गया था।

उसने टोपियों से भरी टोकरी नीचे रख दी। फिर उसने सिर से टोपी उतार कर नीचे रख दी।

और व्यापारी ने अपना अगोंछा नीचे धरती पर फैलाया और उस पर ही गहरी नींद में सो गया।

जिस पेड़ के नीचे व्यापारी सो रहा था उस पर कई बंदर रहते थे। व्यापारी जैसे ही सो गया।

, बंदरों ने उसकी टोकरी पर हमला कर दिया। बंदर रंग-बिरंगी टोपियों से खेलने लगे।

कई बंदरों ने हाथों में टोपियां भी पकड़ रखी थीं। बंदरों के कूदने की आवाज आई तो व्यापारी जाग गया।

जैसे ही वह उठा तो व्यापारी के होश उड़ गए। उसकी टोकरी से सारी टोपियां गायब हो गई थीं।

Panchtantra ki kahani in hindi

सभी बंदर हाथ में टोपी लिए व्यापारी को देख रहे थे।

व्यापारी ने बंदरों की ओर देखा तो उसे सब कुछ समझ में आ गया।

व्यापारी परेशान हो गया। उसने सोचा कि अगर वह टोपी नहीं बेच सका तो उसे कितना नुकसान होगा।

यह सब सोचकर वह अपना सिर खुजलाने लगा। उसे ऐसा करते देख बंदरों ने भी अपना सिर खुजलाना शुरू कर दिया।

यह देख व्यापारी नाराज हो गया।

उसने गुस्से में उसके सिर पर जोर से हाथ मारा। बंदरों ने भी अपने हाथ से उनके सिर पर तेजी से वार किया।

बंदरों को ऐसा करते देख व्यापारी समझ गया।

कि बंदरों को अपनी नकल करते देख कर व्यापारी के मन में एक युक्ति सूझी की बंदरों से टोपी वापस कैसे ली जाये।

अब उसने टोपी पहन ली जो उसने सोते समय अपने सिर के नीचे रखी थी।

Panchtantra ki kahani in hindi

बंदरों ने भी झट से हाथ में टोपियां पहन लीं। अब व्यापारी ने सिर पर पहनी हुई टोपी को जमीन पर फेंक दिया।

बंदरों ने भी व्यापारी की नकल करते हुए अपने सिर पर टोपियां जमीन पर फेंक दीं।

व्यापारी का विचार काम कर गया था। उसने जल्दी से सारी टोपियाँ जमा कर लीं।

सारी टोपियाँ टोकरी में रखने के बाद व्यापारी तुरन्त वहाँ से दूसरे गाँव में बेचने चला गया।

Moarl of the story :कहानी सीखने के लिए:

इस कहानी से हमें एक सीख मिलती है कि परिस्थिति कैसी भी हो हमें घबराना नहीं चाहिए।

किसी भी मामले में हमें समझदारी से काम लेना चाहिए।

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