Mulla Nasruddin Story in Hindi | Beiman Kaji

Mulla Nasruddin Aur Beiman Kaji ki Kahani in hindi

एक बार की बात है।मुल्ला नसरुद्दीनअपने नगर के।बाजार में कुछजांच पड़ताल के लिए गए हुए थे।

वे बाजार में घूम घूमकर जांच पड़ताल कर ही रहे थे के अचानक से एक आदमी उनके सामने आया।

और उसमें एक जोरदार थप्पड़ मुल्ला नसरुद्दीन के गाल पर दे दिया।

मुल्ला नसरुद्दीन को समझ में नहीं आया कि इस व्यक्ति ने उन्हें थप्पड़ क्यों मारा और यह व्यक्ति कौन है?

थप्पड़ मारने के बाद वह व्यक्ति।हाथ जोड़कर मुल्ला नसरुद्दीन से प्रार्थना करने लगा

कि मुल्ला जी मुझे माफ़ कर दीजिए, मैं तो किसी और के थप्पड़ मारना चाहता था, परंतु गलती से आपके थप्पड़ लग गया।”

मुल्ला को उस अनजान व्यक्ति की बातों पर विश्वास नहीं हुआ।

वह उस अजनबी को न्याय के लिए उसी बाजार के काजी के पास ले गया।

मुल्ला ने काजी को विस्तार से सब कुछ समझाया उस दौरान काजी और उस अनजान शख्स के बीच कुछ बातें हुईं।

उन बातों को सुनकर नसरुद्दीन को लगा कि दोनों एक दूसरे को पहले से जानते हैं। फिर भी मुल्ला ने काजी से न्याय करने को कहा।

फिर काजी ने उस अजनबी से पूछा, “क्या मुल्ला जो कह रहा है वह सब सच है।

” अज्ञात व्यक्ति ने काजी को बताया कि उसने गलती से मुल्ला को बाजार में किसी और के रूप में थप्पड़ मार दिया था।

यह सुनते ही काजी ने फौरन फैसला सुनाया और कहा कि मुल्ला को थप्पड़ मारने का जुर्माना तुम्हें भरना होगा।

काजी ने जुर्माने की राशि .एक रुपया तय कर दी।

मुल्ला इस फैसले से खुश नहीं था। तब काजी ने थप्पड़ मारने वाले से कहा कि अगर अभी तुम्हारे पास पैसे नहीं हैं।

तो तुम बाहर जाकर पैसे कमा सकते हो। जब पैसा जमा हो जाए तो दे देना मुल्ला जी को।

Mulla Nasruddin Hindi Story

यह सुनकर मुल्ला को यकीन हो गया कि ये दोनोंपहले से ही मिले हुए है।

लेकिन मुल्ला कुछ नहीं कर सका। यह निर्णय सुनकर वह चुपचाप वहाँ से चला गया।

काफी समय बीत जाने के बाद भी थप्पड़ मारने वाला वापस नहीं आया।

अब मुल्ला के मन में यह ख्याल आया कि वह वापस आने वाला नहीं है।

यह सब काजी और आदमी की चाल थी तब मुल्ला ने काजी को सबक सिखाने का फैसला किया।

मुल्ला तुरंत काजी के पास पहुंचा। वहाँ काजी को देखकर मुल्ला नसरुद्दीन पूछता है ।

“काजी साहब, क्या किसी अंजान व्यक्ति को सिर्फ एक रुपये से थप्पड़ मारना सही है?”

काजी जल्दी से जवाब देता है और कहता है कि हां, एक  थप्पड़ के लिए 1 रुपये का जुर्माना काफी है।

बाजार के काजी का जवाब सुनकर।फील।मुल्ला नसरुद्दीन ने?

एक जोरदार थप्पड़ काजी के गाल पर मार दिया।

अपने गाल पर थप्पड़ खाने के बाद काजी।मुल्ला नसरुद्दीन की तरफ बढ़ी हैरानी से देखा।

तो मुल्ला नसरुद्दीन ने कहा कि जब वह व्यक्तिपैसे कमाकर वापस आएगा।

तब तुमउससे अपने इस थप्पड़ का हिसाब किताब कर लेना यह कहकर मुल्ला अपने घर वापस आ गए।

Moral of the story कहानी से मिली सीख:

किसी को धोखा देना  गलत है। वह जो कुछ भी करता है, उसे वही परिणाम भुगतना पड़ता है।

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