Akbar Birbal ki story in hindi
बादशाह अकबर का परचम पूरे जहां में फैला हुआ था। उन्होंने सभीजगह अपने विजय का पताका फहराया था।
और अकबर के राज्य की चर्चा पूरी दुनिया में फैली थी।
तो तुर्किस्तान के शासक ने बादशाह अकबर को एक पैगाम भेजा की बादशाह अकबर मैंने सुना है।
की आपके यहाँ पर एक पेड़ है किसके पत्ते खा कर उम्र बढ़ जाती है।
तुर्किस्तान के बादशाह का पैगाम पढ़ कर अकबर को बहुत ही ज्यादा चिंता सताने लगी।
उन्होंने सोचा अगर मैं तुर्किस्तान के बादशाह को ये कह दू के यहाँ भारत में ऐसा कोई पेड़ नहीं है।
तो इससे हमारी सल्तनत की तोहिन माना जायेगा।। और भारत का मान भंग होगा।
इस चिंता को दूर करने के लिए बादशाह अकबर ने तुरंत ही बीरबल को अपने कक्ष में बुलाया।
उनको तुर्किस्तान के बादशाह की तरफ से आये पैगाम के बारे में बताया। और बीरबल से उनकी सलाह मांगी।
बीरबल ने बादशाह से कहा कि आप तुरंत तुर्किस्तान से आये वहा के दूत को तुरंत जेल खाने में डालने का आदेश दो।
और वही पर उनके रहने और खाने – पीने के सारे इंतजाम जेल में दीजिये ।
बादशाह अकबर ने ऐसा ही किया और अपने सैनिको को बुलाकर उन्हें आदेश दिया। कि तुर्किस्तान से आये दूतों को जेल में डाल दो।
बादशाह के आदेश अनुसार सैनिको ने दूतो को जेल में डाल दिया।
तुर्किस्तान के दूत बादशाह की हरकत को देख कर बहुत ही अजीब सा लगा।
कुछ दिन बाद जब बादशाह और बीरबल जेल में उन दूतो से मिलने पहुंचे
Moral story in hindi
तो उन दूतों ने पूछा की “जहाँपनाह” हमे कब रिहाई मिलेगी।
तो बादशाह ने उन्हें बोले की जब तक इस किले की दीवारों से ईटें नहीं गिरेंगी
तब तक आपको रिहाई नहीं मिलेगी।
बादशाह की बात सुनकर तुर्किस्तान के दूतों ने डर के मरे आह भरी!
अब तो दूत प्रत्येक दिन अल्लाह से प्रार्थना करने लगे।
कुछ दिनों बाद उनकी प्रार्थना कुबूल कर ली और एक दिन बहुत तेज भूकंप आया
और बादशाह के किले की कुछ दीवारे टूटी गयी।
दूतों को ये पता चला की बादशाह के किले की कुछ दीवारे टूट गयी है।
तो उन्होंने बादशाह को खबर भेजी की अब हमें रिहा करे अपने वादे के अनुसार
बादशाह ने उन दूतों को अपने पास बुलाया और कहा की देखो
तुम लोगो की कुछ दिन की आह ने हमारे किले की दीवार ढहा दी।
तो आपके के देश में तो लोगो के ऊपर इतना अत्याचार होता है
वहाँ के बादशाह की आयु कैसे बढ़ सकती है।
तो आपके यहां पर तो इतने लोगों की आह निकलने से तो आपके बादशाह का पतन निश्चित है।
भारत में रहने वालो के साथ कोई अत्याचार नहीं होता है
इसलिए यही कारण है की यह पर लोगों की आयु में वृद्धि होती है।
बादशाह ने उम्र बढ़ाने वाले पेड़ की बात उन दूतों को ठीक से समझा दी।
और तुर्किस्तान जाने के लिए रास्तमे पड़ने वाली जरूरतों को भी पूरा करके उनको तुर्किस्तान जाने के लिए रवाना कर दिया।
उन दूतों ने स्वदेश लोट कर अपने बादशाह को सारी बात बताई।
तो उनके बादशाह ने अपने दरबार में बादशाह अकबर और बीरबल की बुद्धिमत्ता की तारीफ की।
उनको धन्यवाद पत्र भी भेजा और उनको भी अकबर के शासन करने की रणनीति बहुत पसंद आयी।
कहानी से सीख :
इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें किसी पर भी अत्याचार नहीं करना चाहिए।
जिस देश का राजा अपनी प्रजा को सुखी रखता है उतनी ही उस देश की तरक्की होती है।