सिंहासन बत्तीसी की दूसरी कहानी – चित्रलेखा पुतली की कथा

एक बार मुल्ला नसीरुद्दीन मक्का और मदीना की यात्रा पर निकलपड़े थे ।

तीर्थ यात्रा के दौरान जब वे मक्का पहुंचे तो उन्होंने देखा कि एक परेशान तीर्थ यात्रा पर आया यात्री मस्जिद के बाहर टहल रहा है।

उस समय तीर्थ यात्रा पर आया यात्री की नजर मुल्ला पर भी पड़ी।

वह फौरन मुल्ला नसरुद्दीन के पास पहुंचा और कहने लगा कि तुम यहीं के लगते हो।

क्या आप इस मस्जिद के बारे में कुछ जानते हैं, जो आप मुझे बता सकते हैं।

 

मुल्ला को उस तीर्थ यात्रा पर आया यात्री के बारे में कुछ भी समझ नहीं आया।

फिर उसने समझाया कि वह मक्का घूमने आया है, लेकिन उसकी यात्रा में सहायक पुस्तिका कहीं खो गई है।

उस पुस्तक की सहायता से वह हर जगह के बारे में अच्छी तरह से समझता है और वहां के सभी प्रसिद्ध स्थानों पर घूमता है।

अब किताब न होने से मस्जिद के बारे में कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

यह सब सुनकर मुल्ला उससे कहता है कि मैं इस मस्जिद और यहां की सभी जगहों के बारे में अच्छी तरह जानता हूं।

मैं आपको इस मस्जिद के बारे में सब कुछ बता सकता हूं।

मुल्ला बड़े उत्साह से पर्यटकों को मस्जिद और आसपास की जगह के बारे में बताने लगता है।

उनका कहना है कि इस मस्जिद का निर्माण सिकंदर महान ने अरब में जीत की निशानी के तौर पर करवाया था।

मुल्ला की बातों को तीर्थ यात्रा पर आया यात्री ध्यान से सुनने लगता है।

तभी उसे पता चलता है कि सिकंदर महान यूनानी था न कि मुसलमान।

फिर वह मुल्ला से कहता है कि मेरी जानकारी में सिकंदर एक यूनानी था, मुसलमान नहीं।

मुल्ला हंसता है और कहता है कि तुम पूरी बात नहीं जानते।

उस युद्ध को जीतकर सिकंदर को अपार धन की प्राप्ति होती है।

इसे अल्लाह की रहमत समझकर उसने इस्लाम कबूल कर लिया।

मुल्ला के शब्दों का जवाब देते हुए तीर्थ यात्रा पर आया यात्री कहता हैं कि सिकंदर के समय में इस्लाम दुनिया में मौजूद नहीं था।

मुल्ला कहता है कि तुम ठीक कह रहे हो, लेकिन युद्ध खत्म होने के बाद उसने एक नए धर्म की स्थापना की।

वही धर्म इस्लाम के नाम से जाना जाने लगा और सिकंदर इस्लाम का प्रवर्तक बना।

मुल्ला की बातें सुनकर मस्जिद को देखकर तीर्थ यात्रा पर आये यात्री ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार इस्लाम धर्म के प्रवर्तक का नाम मोहम्मद हजरत था।

इस बारे में मैंने किसी किताब में भी पढ़ा है। मुल्ला का कहना है कि आपकी जानकारी सही है लेकिन पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।

सिकंदर को मुहम्मद हजरत कहा जाता है। की उन्होंने नया धर्म को अपने के बाद अपना नाम भी बदल कर हजरत मोहम्मद रखा था ।

पर्यटक का कहना है कि यह हैरान करने वाली जानकारी है।

फिर वह मुल्ला से पूछता है, लेकिन सिकंदर यानी सिकंदर का काल मोहम्मद हजरत से कई सदियों पहले का था।

तभी मुल्ला हंसता है और कहता है कि शायद तुम किसी और सिकंदर की बात कर रहे हो।

मैं आपको उस सिकंदर के बारे में बता रहा था, जिसे हर कोई मोहम्मद के नाम से जानते है ।

 Moral of the story कहानी से मिलने वाली शिक्षा

Moral story आपको अपनी जानकारी पर भरोसा करना चाहिए।

कई बार लोग गलतफहमी के कारण ऐसी जानकारी दे देते हैं, जो सही नहीं होती।

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