Satta Matka Kya Hai – सटका मटका क्या होता है
आइये आज के हमारे इस लेख के माध्यम से सट्टा मटका क्या होता है और भारत में इसकी शुरुआत कब और कैसे हुई थी।
सट्टा मटका एक तरह का जुआ होता है। अगर दूसरे शब्दों में बोला जाए तो आप इसको जुओं का राजा भी कह सकते हो।
जुओं का राजा कहने का कारण ये हैं, कि इसमें एक बहुत बड़े पैमाने पर खेला जाता है।
Satta Matka Kya Hai – सट्टा मटका क्या है? मटका जुआ या सट्टा की उत्पत्ति
मटका जुआ या सट्टा सट्टेबाजी और लॉटरी का एक रूप है जिसमें मूल रूप से न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज से बॉम्बे कॉटन एक्सचेंज में प्रसारित कपास के उद्घाटन और समापन दरों पर दांव लगाना शामिल था।
सत्ता सट्टा मटका और दुसरो शब्दों में सट्टा भारत को स्वतंत्रता कुछ समय पश्चात् लगभग 1950 के दशक में भारत में प्रारम्भ हुआ था उस समय ये पूरे तरीके से लॉटरी के जैसा ही खेल होता था जब इसका दूसरा नाम ‘अंकड़ा जुगर’ भी था।
यह समय के साथ विकसित हुआ और शुरुआत में जो था उससे बिल्कुल अलग हो गया लेकिन ‘मटका’ नाम बना रहा।
आधुनिक समय का मटका जुआ / सट्टा किंग खेल में Randomly नंबर का चुनाव होता है ये पूर्ण रूप से सट्टेबाजी का ही आधार है।
प्राचीन समय में सट्टा मटका खेल में कागज की कुछ पर्ची बनाई जाती थी जिसमे 0 से लेकर 9 तक की सभी संख्या लिखकर एक बड़े से मटके में डाल दी जाती थी।
सत्ता मटका खेलने वाले व्यक्तियों के दवारा एक व्यक्ति को चुना जाता था जो उनके लिए एक पर्ची निकालता था और विजेता की पर्ची के साथ संख्या का मिलान करके विजेता के नाम की घोषणा करता था समय के साथ-साथ यह प्रथा भी बदली, लेकिन ‘मटका’ नाम अपरिवर्तित रहा।
अब, ताश के पत्तों के एक पैकेट से तीन संख्याएँ निकाली जाती हैं।
मटका जुए से बहुत पैसा जीतने वाला व्यक्ति ‘मटका किंग’ कहलाता है।
जब मुंबई में कपड़ा मिलें फलने-फूलने लगीं, तो कई मिल मजदूरों ने मटका खेला, जिसके परिणामस्वरूप सटोरियों ने मिल क्षेत्रों और उसके आसपास अपनी दुकानें खोलीं और इस तरह मध्य मुंबई मुंबई में मटका व्यवसाय का केंद्र बन गया।
सट्टा मटका: इतिहास
सट्टा मटका खेल का प्रारंभ भारत में वर्ष 1950 में प्रारंभ हुआ था , जिसकी शुरुआत मुंबई में हुई थी।
यहाँ पर लोग कॉटन / कपास की बाजार में मांग पर उछाल आने पर और इसकी मांग।की उछाल के गिरने पर अपने – अपने दांव लगाते थे।
व्यक्तियों द्वारा लगाए गए दावों को टेलीप्रिंटर के द्वारा न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज (New York Cotton Exchange) से बॉम्बे कॉटन एक्सचेंज (Bombay Cotton Exchange) को भेजे जाते थे।
1961 में, न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज ने इस प्रथा को बंद कर दिया, जिससे सट्टा मटका व्यवसाय को जीवित रखने के लिए पंटर्स/जुआरी वैकल्पिक तरीकों की तलाश करने लगे।
1980 और वर्ष 1990 के दशक में मटका को उसकी अपनी पहुँच के सर्वाधिक शीर्ष पर माना गया था।
नोट: ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 1867 में एक सार्वजनिक जुआ act को पेश किया था। जिसके तहत भारत में सभी प्रकार के जुओं को अवैध करार दे दिया गया था।
Disclaimer
भारत में सट्टा मटका जैसे जुए और इसके जैसे अन्य जुए जो भी खेले जाते हैं। भारत में वह कानूनी रूप से अवैध है। इसलिए हम अपने रीडर्स को सट्टा मटका जैसे खेल या उसके जैसी और भी अन्य खेलों से दूरी बनाने की सलाह देते हैं, हमारी digitaliindia वेबसाइट का ये आर्टिकल सट्टा, मटका जैसे जुओं का पूर्ण रूप से विरोध करता है। और हमारे इस आर्टिकल का उद्देश्य सट्टा, मटका जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना बिल्कुल भी नहीं है। ये आर्टिकल आपको केवल जानकारी देने के उद्देश्य से ही लिखा गया है।इसका उद्देश्य जुए जैसी किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देना नहीं है।
धन्यवाद !