Panchatantra Stories Hindi Mein | The Musical Donkey | Panchatantra Stories 24-Sep-2024 Mein Padhe

Panchatantra Ki Stories Hindi Mein 24-Sep-2024 Mein Padhe: The Musical Donkey

पंचतंत्र की कहानी: संगीतमय गधा की मज़ेदार कहानी हिंदी में

 

Panchatantra ki Kahani – The Musical Donkey In Hindi

 

Panchatantra Short Stories Hindi Mein

बहुत समय पहले एक गाँव में एक धोबी रहता था।
उसके पास मोती नाम का एक गधा था। चूंकि धोबी स्वभाव से बहुत कंजूस था।
उसने जानबूझकर अपने गधे को चारा पानी नहीं दिया और उसे चरने के लिए भेज दिया।
इससे गधा बहुत कमजोर हो गया। जब एक दिन धोबी ने उसे चरने के लिए छोड़ दिया,
तो वह चरने के लिए कहीं दूर जंगल में चला गया। जंगल में उसकी मुलाकात एक सियार से हुई।
सियार ने गधे को देख कर पूछा की गधे भाई तुम्हारी ऐसी हालत क्यों है तुम बहुत ही दुबले पतले हो ?
” तो गधे ने उत्तर दिया, “मुझे दिन भर काम करने को मजबूर किया जाता है और मुझे खाने को भी कुछ नहीं दिया जाता है।
यही कारण है कि मुझे अपना पेट भरने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। 
इस वजह से मैं बहुत कमजोर हो गया हूं। ।” यह सुनकर सियार ने कहा की में तुमको एक ऐसी युक्ति बताता हूँ।
जिससे तुम मोटे और बहुत ही शक्तिशाली बन जाओगे   ।” सियार कहता है, “यहाँ पास में एक बड़ा बगीचा है।

Short Panchatantra Stories in Hindi

उस बगीचे में हरी सब्जियां और फल हैं। मैंने उस बगीचे में जाने का एक गुप्त रास्ता बनाया है।
जिससे मैं हर रात बगीचे में हरी सब्जियां और फल खाने जाता हूं। इसलिए मैं इतना फिट हूं।
” सियार की बात सुनते ही गधा उसका साथ देता है। फिर सियार और गधा दोनों मिलकर बगीचे की ओर चले जाते हैं।
बगीचे में पहुँचते ही गधे की आँखें चमक उठती हैं। इतने सारे फल और सब्जियां देखकर गधा खुद को रोक नहीं पाता है
और बिना देर किए वह अपनी भूख को संतुष्ट करने के लिए रसदार फलों और सब्जियों का आनंद लेना शुरू कर देता है।
सियार और गधा खाना खाकर एक ही बगीचे में सोने चले जाते हैं।
अगले दिन, सूरज उगने से पहले, सियार जाग जाता है और तुरंत बगीचे को छोड़ने के लिए कहता है।
गधा बिना सवाल किए सियार की बात मान लेता है और दोनों वहां से निकल जाते हैं।
फिर दोनों रोज मिलते थे और इसी तरह बगीचे में जाकर हरी सब्जियां और फल खाते थे।

Dadi maa ki kahani in hindi

धीरे-धीरे समय बीतता गया और गधा फिट हो गया।
रोज खाना खाने के बाद अब गधे के बाल चमकने लगे और उसकी चाल में भी सुधार हो गया था।
एक दिन गधा बहुत खाकर खुश हो गया और जमीन पर लुढ़कने लगा।
तब सियार ने पूछा, “सियार ने पूछा भाई अब कैसे हो युक्ति काम कर रही है या नहीं ?
” तो गधा कहता है, “आज मैं बहुत खुश हूं और मुझे अपना गाना गाने का मन कर रहा है।
” यह सुनकर सियार डर गया और बोला, “नहीं गधा भाई, गलती से भी यह काम मत करना।
मत भूलो हम चोरी कर रहे हैं। कहीं बगीचे के मालिक ने आपका अनसुना गीत सुना है और यहाँ आता है, तो वहाँ बड़ी दिक्कत होगी।
भाई, इस गाने को गाने के चक्कर में मत पड़ो।
यह सुनकर गधे ने कहा, “तुम गीत के बारे में क्या जानते हो।
हम गधे परिवार के गायक हैं। लोग हमारे ढेंचू राग को बड़े चाव से सुनते हैं।
सियार अच्छे से जानता था कि गधे को गाने से मना करने के बाद गधा नहीं मानेगा। 
इसलिए सियार ने गधे की हां में हां कर दी । सियार को अपनी गलती का एहसास होता है।
सियार ने कहा, “गधा भाई, तुम सही कह रहे हो, हम गायन के बारे में क्या जानते हैं?
अब आप बता रहे हैं तो हो सकता है कि आपकी सुरीली आवाज सुनकर बाग का मालिक आपके लिए पहनने के लिए फूलों की माला जरूर पहनायेगा ।
सियार की बातें सुनकर गधा खुशी से झूम उठता है।
गधा कहता है, “ठीक है, फिर मैं अपना गाना शुरू करता हूँ।

Stories Panchatantra Hindi Mein

” तब सियार कहता है, “मैं तुम्हें फूलों की माला पहना सकता हूं,
इसलिए मेरे जाने के 15 मिनट बाद तुम अपना गीत शुरू करो।
इसलिए आपका गाना खत्म होने से पहले मैं यहां वापस आ जाऊंगा।
” यह सुनकर गधा और भी नहीं फूलता और कहता है, “जाओ भाई सियार, मेरे सम्मान के लिए फूलों की एक माला ले आओ।
तुम्हारे यहाँ से जाते ही में गाना गाना शुरू करता हूँ और सियार के वहाँ से जाते ही गधा अपने कहे अनुसार गाना शुरू करता ही है
की बगीचे का मालिक उसकी आवाज सुनलेता है और वहाँ आजाता है ।
वहाँ गधे को देखकर बगीचे का मालिक कहता है कि अब मैं समझ गया हूँ कि तुम ही हो जो मेरे बगीचे में से मेरे सारे फल व सब्जियां खा जाते हो 
मैं आज तुम्हें नहीं छोडूंगा। इतना कहते ही बाग का मालिक गधे को लाठियों से पीट देता है।
बाग मालिक की पिटाई से गधा आधा मर जाता है और बेहोश होकर जमीन पर गिर जाता है।

Moral Story for Kids – कहानी से सबक:

संगीतमय गधा: कहानी से यह सीख मिलती है कि अगर कोई हमारे फायदे के लिए कुछ समझाता है
तो उसे स्वीकार करना चाहिए। कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि अगर हम दूसरों की नहीं माने तो मुसीबत में पड़ सकते हैं