Mulla Nasruddin Story In Hindi
एक बार मुल्ला नसीरुद्दीन मक्का और मदीना की यात्रा पर निकल पड़ा।
तीर्थ यात्रा के दौरान जब वे मक्का पहुंचे तो उन्होंने देखा कि एक परेशान पर्यटक मस्जिद के बाहर टहल रहा है।
उस समय पर्यटक की नजर मुल्ला पर भी पड़ी। वह फौरन मुल्ला नसरुद्दीन के पास पहुंचा और कहने लगा कि तुम यहीं के लगते हो।
क्या आप इस मस्जिद के बारे में कुछ जानते हैं, जो आप मुझे बता सकते हैं।
मुल्ला को उस पर्यटक के बारे में कुछ भी समझ नहीं आया। फिर उसने समझाया कि वह मक्का घूमने आया है,
लेकिन उसकी टूरिस्ट पुस्तक कहीं खो गई है।
उस पुस्तक की सहायता से वह हर जगह के बारे में अच्छी तरह से समझता है
और वहां के सभी प्रसिद्ध स्थानों पर घूमता है।
कृपया आप मुझे मंदिर के बारे में ठीक से समझा सकते है
यह सब सुनकर मुल्ला उससे कहता है कि मैं इस मस्जिद और यहां की सभी जगहों के बारे में अच्छी तरह जानता हूं।
मैं आपको इस मस्जिद के बारे में सब कुछ बता सकता हूं।
मुल्ला बड़े उत्साह से पर्यटकों को मस्जिद और आसपास की जगह के बारे में बताने लगता है।
उनका कहना है कि इस मस्जिद का निर्माण सिकंदर महान ने अरब में जीत की निशानी के तौर पर करवाया था।
मुल्ला की बातों को पर्यटक ध्यान से सुनने लगता है।
तभी उसे पता चलता है कि सिकंदर महान यूनानी था न कि मुसलमान। फिर वह मुल्ला से कहता है
कि मेरी जानकारी में सिकंदर एक यूनानी था, मुसलमान नहीं।
मुल्ला हंसता है और कहता है कि तुम पूरी बात नहीं जानते।
मुल्ला नसरुद्दीन और बेचारे पर्यटक की कहानी
उस युद्ध को जीतकर सिकंदर को अपार धन की प्राप्ति होती है।
इसे अल्लाह की रहमत समझकर उसने इस्लाम कबूल कर लिया।
मुल्ला के शब्दों का जवाब देते हुए पर्यटक कहते हैं कि सिकंदर के समय में इस्लाम दुनिया में मौजूद नहीं था।
मुल्ला कहता है कि तुम ठीक कह रहे हो, लेकिन युद्ध खत्म होने के बाद उसने एक नए धर्म की स्थापना की।
वही धर्म इस्लाम के नाम से जाना जाने लगा और सिकंदर इस्लाम का प्रवर्तक बना।
मुल्ला की बात सुनकर मस्जिद को देखकर पर्यटक ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार इस्लाम धर्म के प्रवर्तक का नाम मोहम्मद हजरत था।
इस बारे में मैंने किसी किताब में भी पढ़ा है। मुल्ला का कहना है कि आपकी जानकारी सही है
लेकिन पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। सिकंदर को मुहम्मद हजरत कहा जाता है। उ
न्होंने नया धर्म अपनाने के बाद अपना नाम बदलकर मोहम्मद हजरत कर लिया।
पर्यटक का कहना है कि यह हैरान करने वाली जानकारी है।
फिर वह मुल्ला से पूछता है, लेकिन सिकंदर यानी सिकंदर का काल मोहम्मद हजरत से कई सदियों पहले का था
। तभी मुल्ला हंसता है और कहता है कि शायद तुम किसी और सिकंदर की बात कर रहे हो।
मैं आपको उस सिकंदर के बारे में बता रहा था, जिसे हर कोई मोहम्मद के नाम से जानता था।
Moral of the storyकहानी से मिली सीख:
हमे अपने आप भरोसा जरूर करना चाहिए और किसी दूसरे व्यक्ति के बहकावे में नहीं आना चाहिए