jadui rajai ki kahani in hindi

जादुई रजाई की स्टोरी इन हिंदी

शिखा की शादी दीपक के साथ दो साल पहले शादी हुई थी। दीपक की अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान थी।

सुबह वह दुकान पर बैठता था और शाम को उसका भाईबैठता था

शिखा जब से अपने ससुराल आई थी,

हमेशा सबको खुश रखने की कोशीश करती रहती थी परंतु कोई भी उससे खुश नहीं रहता था।

उसकी सास और जेठानी शोभाउसे हमेशा किसी ना किसी बहाने उसके पति के सामने।पति पर कुछ भी नहीं रहता।

सुबह की दो बेटियां थी। शादी के दो साल बाद भी शिखा की गोद नहीं भरी थी।

एक दिन रात को जब वो सारे काम निपटाकर सोने गई तो तुम्हे अब वक्त मिला है मेरे पास आने को।

अरे यार तुम काम जल्दी क्यों नहीं खत्म कर लेती?

काम तो खत्म हो जाता है।रसोई का काम अकेले ही निपटाते निपटाते देर हो जाती है तो क्या हुआ

तो क्या तुम चाहती हो गई रसोई के लिए भी कोई नौकर रख लिया जाए? मैने ऐसा तो नहीं कहा था।

मैं तुम्हारे इन जवाबों से बिल्कुल तंग आ चुका हूँ। दीपक ने अपना तकिया और रजाई उठाई और वहाँ से बाहर चला गया।

शिखा के साथ हमेशा ऐसा ही होता है। वो अक्सर रात में रोते रोते सो जाती थी। दूसरे दिन सुबह शाम का नाश्ता कहा है

मुझे दुकान के लिए देर हो रही है। बस अभी लाई शिखा नाश्ता लेकर जल्दी से भागी तभी उसका पैर फिसल गया और वह गिर पड़ी।

कोई मेरी मदद करो मैं उठ नहीं पा रही हूँ।

वो एक काम तुमसे ठीक ढंग से नहीं होता रहने दो, मुझे नाश्ता नहीं चाहिए

जादुई रजाई की स्टोरी इन हिंदी

शिखा कराहती रही थी तभी उसकी सास बाहर निकलकर आईं।

उन्होंने जैसे ही उसे कराते हुए देखा वो भी मुकदमा कर चली गयी। जिठानी शोभा बहुत खुश हो गईं।

शिखा फूट फूटकर रो पड़ी। किसी तरह वो खिसकते हुए अपने कमरे के बिस्तर पर पहुँच गयी।

अगर मेरे माता पिता जिंदा होते तो मैं उनसे ही अपने दिल की बात कर लेती।

मामी मामा के पास जाने से तो अच्छा है कि इस घर में में रहो। वो लेटकर यही सब सोच रही थी।

तब तक उसकी सास कमरे मेँ आई।और आंखें तरेरते हुए बोली।

लोग नाश्ता कर लो भरना सब कहेंगे बहू को भूखा ही मार दिया।

आंखें मलते हुए आयी बोली।लोग नाश्ता कर लो भरना सब कहेंगे बहू को भूख की मार दिया।

माँ जी ये कमर में बहुत दर्द हो रहा है।

कोई मरहम हो तो दे दीजिए तुम्हारा पति आएगा तो डॉक्टर को दिखा देगा।

थोड़ी देर में अपनी अलमारी नहीं मरहम होते हुए उसकी नजर एक रजाई पर पड़ी।

वो उसकी नानी की दी हुई रजाई थी। उसे तो याद भी नहीं था। जब विदा होकर ससुराल आ रही थी।

तब नानी ने उसे रजाई देते हुए कहा था।

बेटी मेरे पास तो नहीं देने के लिए कुछ भी नहीं है, बस ये नई रजाई है, ये तुम्हारे बहुत काम आएगी।

किया गया तुम्हारे मामा मामी ने देख लिया तो इसको भी ले लेंगे।

उसके कुछ ही दिनों बाद नानी चल बसी थी। शिखा ने झट से उसको निकाला और अपने बिस्तर पर रखकर।

मरहम खोजने लगी एक मरहम दिखाई पड़ा तो उसने उसे अपनी कमर पर लगा लिया और रजाई ओढ़कर सो गयी।

अरे ये तो बहुत अच्छी बताई है। 10 बजे ही उसे ही उसे नींद आ गई।

उसने सपने में देखा कि उसकी सास का हाथ चाय बनाते समय जल गया है और वह चीख रही है।

वो धीरे – धीरे बाहर गयी तो उसे देखा सच में उसकी सास का हाथ जला हुआ है और वो चिल्ला रही थी।

वो सोचने लगी की नानी की बजाय कहीं जादुई रज़ाई तो नहीं है? शिखा भी सास को वैसे ही छोड़कर कमरे में आ गयी।

मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। अगर मैं भी इन लोगों के जैसे काम किया तो  इनमे और मुझ में अंतर रह जाएगा ?

यही सोचकर उसने मरहम लिया और सास के हाथ पर लगा दिया। फिर उनके पास ही बैठी रही।

अरे बहु तुम्हारी कमर का दर्द कैसा है? थोड़ा आराम है पर अभी मैं ठीक से चल नहीं पा रही हूँ।

जाओ आराम कर लो, जो बातें कहती हूँ कुछ खाने के लिए बना दे। शिखा अपने कमरे में आ गयी।

उसने रजाई ओढ़ी।और सो गयी। जैसे ही उसकी आंख लगी तभी उसने सपने में देखा कि उनकी दुकान में चोरी हो गयी।

छत से उठ गयी उसके कान में दीपक की आवाज आई माँ माँ कहाँ है सब अरे क्यों इतना शोर मचा रहा है?

शिखा को मैने ही भेजा है। उसकी कमर में बहुत दर्द हो रहा है।उसी डॉक्टर को दिखा दे

कोई दवा ले आना अच्छा माँ अभी जा रहा हूँ। शिखा उसके साथ डॉक्टर के पास गई।

वहाँ डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाकर कुछ दवाएं दी और कहा दो 4 दिन पूरा आराम करने के बाद ठीक हो जाएगा।

शुक्र है कि बच्चे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।

आपका बच्चा सही सलामत हैं।क्या मैं बाप बनने वाला हूँ?

मुझे तो खुद ही नहीं पता था ये तो बहुत ही अच्छी खबर है

वहाँ पे साथ ही समय शिखा बोलीं भाई साहब दुकान में ठीक से ताला लगाकर तो आते है

ना जो शिखा ने अपने सपने वाली बात उसको बताई,

पहले तो वो माना नहीं। फिर उसने कहा अच्छा चलो देख लेता हूँ यार 10:00 बज गए थे।

वहाँ पहुँचकर देखा तो वाकई दूर चोर उनकी दुकान का ताला तोड़ रहे थे।

दीपक ने स्कूटर रोका और एक रॉड लेकर दौड़ा। खैर, वहाँ पहुँचकर देखा तो वाकई  चोर उनकी दुकान का ताला तोड़ रहे थे।

दोनों उसकी आवाज सुनकर वो दोनों भागकर अंधेरे में गुम हो गए।

बाकी तुम्हारे सपने हमारे दुकान बचा लिया।

मतलब शिखा ने उसको नानी की रजाई और पहले वाले सपने की बात भी बताई। अच्छा ये तो बड़ी अजीब बात है।

चलो बैठो घर चलते हैं शिखा को देखते ही क्या कहा डॉक्टर ने माँ आज शिखा ने बहुत बढ़िया खबर सुनाई।

आप  दादी बनने वाली हैं।दीपक ने माँ को उसकी नानी की ज्यादा रजाई और सपने वाली बात बताई।

उसकी जेठानी शोभा ने सब कुछ सुन लिया था।  मेरे पास आकर बैठ शिखा माँ ने बड़े ही प्यार से कहा शिखाउनके पास बैठ गयी

तो उन्होंने प्यार से उसका सिर सहलाते हुए कहा तुम्हारा जो कुछ भी खाने का मन हो बता देना।

अब मैं खाना बनाने के लिए शोभा को बोल दूंगी।सारा दिन आराम करती रहती है।

मेरे घर में इतने दिनों के बाद इतनी बड़ी खुशखबरी आई है जाओ जाकर आराम करो शिखा उठकर चली गयी।

मेरे प्रति अचानक ही सब का रवैया बदल गया। लगता है नानी की रजाई जादुई है।

वो बिस्तर पर आकर रजाई ओढ़कर सोने ही वाली थी दीपक के हाथ में उसके हाथ में खाने की थाली थी,

खाना खा लो मुझे बहुत दुख है कि मैने तुम्हारे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया। मुझे माफ़ कर दो, मुझे बहुत नींद आ रही है,

मुझे सोने दो, मैं बाद में खा लूंगी वो रजाई से मुँह ढककर सो गई।

रात में उसने सपने में देखा कि उसकी कमर का दर्द बिल्कुल ठीक हो गया है

और उसकी सास का हाथ भी बल्कि उनके हाथ पर तो जलने का निशान तक नहीं था

वाह, मैने तो एक और सपना देखा क्या देखा जल्दी बताओ शिखा ने बताया।

अभी तक उठकर कमरे से बाहर गया तो देखा माँ आश्चर्य से अपने हाथों को उलट पुलट कर देख रही थी।

माँ तेरा हाँ ठीक हो गया ना, हाँ वही तो देख रही हूँ कि निशान भी गायब हो गए शिखा ठीक है,

शोभा ने सपने वाली बात सुनी और उसने सोचा की मुझे भी ये रजाई ओड कर देखनी होगी

वो मौके की तलाश में ही थी। एक दिन जब शिखा डॉक्टर को दिखाने गई थी

तो शोभा उसके कमरे में से उसकी रजाई उठाई और सो गयी। उसने तुरन्त सपना देखा कि रज़ाई ने उसे जकड़ लिया है

और वो अपने आप को छुड़ाने की कोशीश में बिस्तर से नीचे गिर पड़ी।

उसके माथे से खून बह रहा है। उसकी नींद खुल गयी तो नीचे गिरी हुई थी और उसके माथे से खून बह रहा था।

अरे ये कैसे संभव है? उसके सपने में तो हमेशा आगामी चिंता आती है और मेरे सपने में मेरा ही नुकसान हो गया।

वो उठी है और अपने माथे का खून साफ किया। फिर जल्दी से रजाई तय करके शिखा के कमरे में गयी।

अरे भाभी ये रजाई आपके पास है मैं सोच रही थी की मैं कहा रखकर भूल गयी

शिखा तुम बहुत अच्छी हो इसलिए ये रजाई तुम्हे अच्छे सपने दिखाती है

मुझे तो इसने मेरे गलत व्यवहार की सजा ही दे डाली।मुझे माफ़ कर दो बहन आपसे हम दोनों बहनों की तरह ही रहेंगे।

शोभा और शिखा एक दूसरे के गले लग गयी।शिखा को उसके घर में नानी की जादुई रजाई हक दिलवा दिया था।

सब लोग प्रेम से रहने लगे।