Akbar Birbal ki kahani Hindi mein | Birbal’s Journey To Heaven In Hindi

Akbar Birbal Hindi Kahaniya

बात उस ज़माने की है जब बादशाह अकबर का परचम फैला हुआ था।

एक रोज बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे हुए किसी विषय पर चर्चा कर रहे थे।

बात करते- करते उन्हें याद आया की बहुत दिनों से उन्होंने हजामत नहीं बनायीं।

ये सोचकर उन्होंने नाई को तुरन्त उपस्थित होने का सन्देश भेजा। राजा का सन्देश मिलते ही नाई महल में पहुँच गया।

महल में पहुँचकर नाई बादशाहकी हजामत बना रहा था कि तभी कहीं से एक कौआ आकर वहाँ बैठ जाता है

और को को लगता है। राजा अकबर ने नाई से पूछा, “यह कौवा क्यों चिल्ला रहा है?”

इस पर नाई ने उत्तर दिया, “वह तुम्हारे पूर्वजों का हाल बताने आया है।”

बादशाह अकबर ने बड़ी हैरानी के साथ नाई से पूछा की मुझे बताओ की ये कौआ हमारे पितरों और पूर्वजों के लिए क्या बता रहा है ?”

बादशाह के इस प्रश्न पर नाई कहता है, “यह कौआ कह रहा है कि तुम्हारे पूर्वज स्वर्ग में संकट में हैं और बहुत परेशान हैं।

आपको अपने किसी करीबी को उनकी देखभाल के लिए स्वर्ग भेजना चाहिए।”

नाई की यह बात सुनकर बादशाह अकबर और भी हैरान हो जाता है।

राजा अकबर ने नाई से आश्चर्य किया, “मनुष्य को जीवित स्वर्ग में कैसे भेजा जा सकता है?”

राजा के इस प्रश्न का नाई उत्तर देता है, “मेरी दृष्टि में महाराज पुजारी हैं, जो इस कार्य को कर सकते हैं।

अकबर – बीरबल की कहानी हिंदी में

बस अपने किसी करीबी को इस काम के लिए स्वर्ग जाने के लिए मना लें।

नाई के इस आश्वासन पर राजा अकबर तैयार हो जाते है और अपने सभी करीबी दरबारियों को दरबार में आमंत्रित करता है।

राजा के आदेश पर सभी करीबी दरबारी राजा अकबर के सामने उपस्थित होते हैं।

सभी दरबारी राजा से अचानक बुलाए जाने का कारण पूछते हैं।

इस पर राजा ने उन्हें नाई के साथ हुई हर बात बताई।

राजा की बात सुनकर सभी दरबारियों ने एक मत में बीरबल का नाम सामने रखा।

दरबारी कहते हैं कि स्वर्ग में जाकर पितरों का पालन-पोषण करने के लिए बीरबल से बेहतर कोई नहीं हो सकता।

क्योंकि बीरबल हम सब में सबसे बुद्धिमान और चतुर है।

इसलिए वह अपने पूर्वजों का कल्याण स्वर्ग में ले जाकर उनकी समस्याओं का समाधान आसानी से कर सकता है।

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राजा अकबर, दरबारियों की इस सलाह का पालन करते हुए, बीरबल को स्वर्ग भेजने की तैयारी करते हैं।

यह जानने पर, बीरबल सम्राट अकबर से पुजारी को स्वर्ग भेजने की विधि के बारे में पूछता है।

बीरबल की इस बात पर महल में एक पुजारी को बुलाया जाता है।

पुजारी के आते ही उससे स्वर्ग जाने की विधि पूछी जाती है। पुरोहित बताते हैं,

“आपको यहां पास के एक भूसे के ढेर में भेज दिया जाएगा। बाद में उस ढेर में आग लगा दी जाएगी।

फिर कुछ मंत्रों के बल से तुम्हें स्वर्ग भेजा जाएगा।”

स्वर्ग जाने की तैयारी पूरी करने के बाद बीरबल लगभग दस ग्यारह दिन बाद मिलने आये हैं।

वे कहते हैं, ‘मैं स्वर्ग जा रहा हूं और मुझे वापस आने में कितने दिन लगेंगे।

, इस बारे में निश्चित रूप से कुछ भी कहना मुश्किल है। इसलिए, एक बार मैं अपने परिवार से मिलना चाहता हूं।

और स्वर्ग जाने से पहले कुछ समय बिताना चाहता हूं।”

बीरबल घर जाने के लिए महल छोड़ देता है। अचानक 11 दिन बीत जाते हैं।

अकबर – बीरबल की कहानी इन हिंदी

12वें दिन बीरबल राजा अकबर के सामने स्वर्ग जाने के लिए उपस्थित होते हैं।

पुजारी को बुलाया जाता है और बीरबल को स्वर्ग भेजने की तैयारी की जाती है।

बीरबल को स्वर्ग भेजने के लिए पुजारी महल से कुछ दूरी पर घास का ढेर लगा देते हैं।

बीरबल को स्वर्ग भेजने के लिए घास के ढेर के अंदर भेजा जाता है। जैसे ही वे भूसे के ढेर में प्रवेश करते हैं,

पुजारी भूसे के ढेर में आग लगा देता है और बीरबल को स्वर्ग भेजने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

ऐसे ही बहुत सा समय निकल जाता है अब बादशाह को अपने नवरत्नों में से एक बीरबल की चिंता सताने लगी।

की अब तक बीरबल वापिस क्यों नहीं आये।

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फिर एक दिन अचानक बीरबल अकबर के दरबार में उपस्थित हो जाते है बीरबल को आता देखकर बहुत ही खुश हुए

बीरबल ने बादशाह को बताया की जहाँपनाह आपके सभी पूर्वज बहुत खुश और आनंद में है।

और वे सभी स्वर्ग के सुख का आनंद ले रहे है परन्तु उनकी एक समस्या है आप उसे सुलझा सकते है।
बादशाह ने पूछा क्या समस्या है बताओ हम जरूर देंगे।

बीरबल ने बताया महाराज उनकी हजामत बहुत बढ़ रही है स्वर्ग में नाई नहीं है।

आप एक नाई की व्यवस्था कर दो बादशाह ने तुरंत ही उसी नाई को बुलावा भेजा ।”
” बादशाह ने बीरबल की बात सुनकर तुरंत ही नाई को स्वर्ग भेजने का फरमान जारी किया ।

बादशाह के फरमान नाई रोने लगता है और बादशाह से माफी की गुजारिश करने लगता है

और उनको बताता है ये साजिश के बारे बताता है बीरबल के लिए ये साजिश आपके ही दरबार के एक जाने माने वजीर अब्दुल्लाह ने की है।

ये साजिश बीरबल को दरबार से हमेशा के लिए दूर करने के लिए थी ।

ये सब जानकर बादशाह को बहुत ही हैरानी हुए इतना बड़ा सच बादशाह को पता चला था ।

यह सब जानने के बाद बादशाह अकबर ने वजीर अब्दुल्ला और उसके साथियों को सजा देने का आदेश दिया।

और लास्ट में बादशाह अकबर बीरबल से बड़ी हैरानी से ये पूछते है की बीरबल एक बात बताओ।

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तुम इस साजिश से कैसे बच पाए तुम्हें पता कैसे चला इसके बारे में ?

“बीरबल कहते है जहाँपनाह जब मुझे ये पता चला की घास के ढेर में आग लगा कर स्वर्ग जाना पड़ेगा।

तो में समझ गया की ये कोई बुरी साजिश है तभी तो मैंने आपसे कुछ दिन का समय लिया था ।

उन 11 दिनों में मैंने उस भूसे के नीचे से अपने घर तक एक सुरंग बनाई थी।

उस सुरंग के जरिए ही मैं वहां से भागने में सफल रहा।”

बीरबल का जवाब सुनकर बादशाह अकबर उनसे कहते है।

बीरबल निसंदेह तुम ही इस साजिश का पर्दाफाश करने सक्षम हो और कोई भी इतनी चतुरता से कर सकते हो ।”

Moral of the story कहानी से सीख

इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है हमे कभी भी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए

और सहस से किसी भी समस्या का डट कर सामना करना चाहिए