Hindi Ki Kahani Akal Badi Ya Bhensh | Kahani in Hindi | Hindi Kahani

Akal Badi Ya Bhensh Hindi Ki Kahani

– अक्ल बड़ी या भैंस हिंदी कहानी

 

Hindi Ki Kahani: अक्ल बड़ी या भैंस

एक बार एक गधा हरी घास के मैदान में घास चर रहा था।

घास चरते चरते गधा बहुत ही दूर निकल आया था।

अचानक उसने अपना सर उठाकर देखा की ये बाघों का मैदान है।

अब तो गधा मन ही मन डरने लगा।और सोचने लगा आज का दिन तो प्राणों पर बहुत भारी है।

अपने मन में यह बात सोच रहा था।तभी उसकी नजरउसके पास आते एक बड़े और भयानक बाघ पर पड़ी।

गधे ने सोचा के अब तो मेरे प्राण जाने वाले हैं

क्यों ने एक बार पुरानी कहावत अकल बड़ी या भैस?

वो आजमा कर देखा जाए?अगर प्राण बच गए।

तो बहुत अच्छे।वरना।आज तो इस बाघ का खाना बनाना ही पड़ेगा।

अपने प्राण बचाने के लिए।बड़े के मन में एक युक्ति  आयी ।

गधा खुद से ही लंगड़ाते हुए धीरे धीरे बाग के पास जा पहुंचा

बाघ ने उसे देखते ही पूछा अरे, गधे  भाई  तुम इस प्रकार लंगड़ाते हुए क्यों चल रहे हो?

क्या तुम्हारे पैरो में कुछ हुआ है?गधे ने कहा, अरे नहीं बाघ भाई

अभी की तो बात है घास चलते चलते एक बहुत बड़ा लोहे का काँटा मेरे पैर में घुस गया है।

अगर बाघ भाई तुम मुझे खाना चाहते हो?

तो पहले वो काटा मेरे पैर से निकाल लेना।

अगर मुझे खाने पर वो काटा तुम्हारे मुँह में चला गया था तो अपनी जान से हाथ धो बैठोगे।

बाघ को गधे की बात थोड़ी ठीक लगी बाघ ने सोचा शिकार करने में जो समय लगता क्यों न उतना ही समय इस गधे के पैर से काँटा निकालने में लगा दिया जाए।

और बाघ ने कुछ नहीं सोचा और चुपचाप वह गधे के पैर से काँटा निकालने बैठ गया।

जैसे ही बाघ ने गधे के पैर सेकाँटा निकालने के लिए उसका पैर पकड़ा।

गधे ने उसके मुँह बहुत तेज जुलती मार दी।दुलत्ती की मार से बाघ  का मुँह सूझ गया।

और बाघ दर्द के मारे कराहने लगा मौका पाकर गधे ने अपनी जान बचा ली।