Sheikh Chilli Ki Kahani | Kuen Ki Pariyon Ki Hindi Kahani

Kahani Sheikh Chilli Ki – शेखचिल्ली की कहानी: कुएं की परियां

 

Sheikh Chilli Ki Hindi Kahani – Kuen Ki Pariyon Ki Kahani in Hindi

शेख चिल्ली बहुत गरीब था। वह नंबर एक मूर्ख और डूडल भी थे। उनके घर में कई दिनों से खाना भी नहीं बना था। यह सब देखकर एक दिन शेखचिल्ली की पत्नी को बहुत क्रोध आया। वह शेखचिल्ली पर चिल्लाई और बोली, “मैं इस गरीबी से तंग आ चुकी हूं। अब मैं इस स्थिति में नहीं रह सकती। जब तक आप पैसे नहीं कमाएंगे, तब तक मैं आपको घर में प्रवेश नहीं करने दूंगी।

 

यह कहकर शेखचिल्ली को उसकी पत्नी ने पैसे कमाने के लिए घर से बाहर भेज दिया। इसके साथ ही उसने उसे चार सूखी रोटियां भी दीं, ताकि रास्ते में उसे भूख लगे तो वह खा सके। पत्नी के गुस्से के डर से शेखचिल्ली काम की तलाश में घर से निकल गया।

शेख चिल्ली पहले अपने गाँव के साहूकार के पास गया। उसने सोचा था कि साहूकार उसे भाड़े पर जरूर लेगा, लेकिन इसके विपरीत साहूकार ने उसे डांटा और उसे भगा दिया। इसके बाद शेखचिल्ली काम की तलाश में गांव-गांव भटकता रहा, लेकिन घर नहीं लौटा, क्योंकि पत्नी ने गुस्से में कहा कि बिना नौकरी के घर न लौटना.

Sheikh Chilli Ki Kahani Hindi Mein : कुएं की परियां

चलते-चलते जब शेख चिल्ली बहुत थक गया तो उसने पास में एक कुआँ देखा और उसके चबूतरे पर बैठ गया। अब उसे भी बहुत भूख लग रही थी, इसलिए उसने अपने डिब्बे से सूखी रोटियाँ निकालीं, लेकिन उसे इतनी भूख थी कि ये चारों रोटियाँ उसका पेट नहीं भर पा रही थीं। रोटियों को देखकर वह बार-बार सोचने लगा कि अब सारी रोटियां खा लेंगे तो बाद में क्या करेंगे? इस उथल-पुथल में शेखचिल्ली हर बार पोटली से निकालकर वापस अंदर डाल कर रोटियों को गिनता था।

आखिर में जब उन्हें कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने कुएं के देवता से मदद मांगने की सोची। वह हाथ जोड़कर कुएं के सामने खड़ा हो गया और कहा, “भगवान, अब अपनी मदद करो। मुझे बहुत भूख लगी है, लेकिन ये चार रोटियां मेरा पेट भरने नहीं जा रही हैं और मैंने अब ये रोटियां खा ली हैं, तो कल मैं क्या खाऊंगा मुझे अभी तक कोई नौकरी नहीं मिली है। अब मुझे बताओ कि मैं क्या करूँ? क्या मैं एक खाऊँ, दो खाऊँ, तीन खाऊँ, या चारों खाऊँ? अब उस कुएँ में कोई देवता नहीं रहता था, उसके सवालों का जवाब कौन देगा? .

सामने के कुएँ में चार परियाँ रहती थीं, जो शेखचिल्ली की बातें सुनकर डर गईं। उन्हें लगा कि कुएं के बाहर कोई दानव आ गया है, जो उन्हें खा जाएगा। बस इसी डर के कारण चारों परियां कुएं से निकलीं और दानव से रहम की भीख मांगती रहीं। कुएं से बाहर आते ही उसने शेख चिल्ली के सामने हाथ जोड़कर कहा, “हे दानव राजा! आप बहुत शक्तिशाली हैं। आप अनावश्यक रूप से चारों को खाने की सोच रहे हैं। यदि आप पर दया है, तो हम आपको कुछ ऐसी चीजें दे सकते हैं, तो आप बहुत उपयोगी होंगे।”

 

Sheikh Chilli Sheikh Chilli Ki Kahani

परियों को अपने सामने देखकर शेखचिल्ली हैरान रह गया और उसे समझ नहीं आया कि उसने परियों से क्या कहा। शेख चिल्ली को चुप देखकर परियों को समझ आ गया कि दानव राजा ने उनकी बात मान ली है। इसलिए उन्होंने शेखचिल्ली को एक कठपुतली और एक कटोरा दिया और कहा, “हे राक्षसराज! यह कठपुतली आपकी हर बात मानेगी। तुम जो कहोगे वह वही करेगा, और यह कटोरा तुम्हें वह देगा जो तुम खाना चाहोगे। यह कह कर परियाँ वापस कुएँ में चली गईं।

शेखचिल्ली यह सुनकर बहुत खुश हुआ और उसने सोचा कि अब उसे घर वापस जाना चाहिए। ये सब चीजें देखकर उसकी पत्नी बहुत खुश होती, लेकिन तब तक बहुत रात हो चुकी थी, इसलिए वह पास के एक गांव में पहुंच गया। वहाँ उसने एक आदमी के लिए रात भर अपने घर में रहने की प्रार्थना की। उसने वादा किया कि बदले में वह उसे और उसके परिवार को अच्छी मिठाइयाँ और व्यंजन खिलाएगा। यह सुनकर वह शख्स शेखचिल्ली को अपने साथ घर के अंदर ले गया।

जब घर के सभी सदस्य एक कमरे में बैठे थे, शेखचिल्ली ने अपना कटोरा निकाला और उसे तरह-तरह की मिठाइयाँ और स्वादिष्ट भोजन देने को कहा। इतना कहते ही मिठाइयों और तरह-तरह के पकवानों का ढेर लग गया. जब सबने भर पेट खा लिया तो घर के मालिक की पत्नी बर्तन साफ ​​करने जाने लगी, लेकिन शेखचिल्ली ने उसे रोक लिया और कहा कि मेरी कठपुतली इन सभी बर्तनों को साफ कर देगी। इतना ही काफी था कि कठपुतली ने पल भर में सारे बर्तन साफ ​​कर दिए।

शेख चिल्ली के कटोरे और कठपुतली के अद्भुत प्रदर्शन को देखकर घर के मालिक और उनकी पत्नी को लालच आ गया। फिर जैसे ही शेखचिल्ली सो गया, उन्होंने उसके बैग से सब कुछ चुरा लिया और उनकी जगह नकली कटोरी और कठपुतली रख दी। अगली सुबह शेख चिल्ली उठा और हाथ-मुंह धोकर बैग उठाया और घर की ओर चल दिया।

 

घर पहुंचते ही पत्नी के सामने गाली-गलौज करने लगा। शेख चिल्ली ने कहा, “भाग्यशाली, अब आपको कोई काम करने की जरूरत नहीं है और न ही खाने-पीने की चिंता करने की जरूरत है। तुम जो भी कहोगी, यह कठपुतली कर देगी और जो खाना तुम चाहोगी, यह कटोरा तुम्हारे सामने लाएगा”, लेकिन शेखचिल्ली की पत्नी को उसकी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ। उसने कहा, “मुझे विश्वास नहीं है, आप इसे साबित कर दें।” फिर क्या था शेख चिल्ली ने कटोरी और कठपुतली को अपनी चाल दिखाने को कहा, लेकिन वह दोनों बातें नकली थीं, तो वे अपना जादू कैसे दिखा सकते थे। यह देख शेखचिल्ली की पत्नी और भड़क गई और उसे खूब डांटा।

अपनी पत्नी की बात को सुनकर शेखचिल्ली को बहुत दुख हुआ और वह अपनी दुखी अवस्था में कुएँ की मुंडेर पर बैठ गया

Sheikh Chilli Story in Hindi

कुएँ की मुंडेर पर बैठ कर शेखचिल्ली चीख चीख कर रोने लगता है शेखचिल्ली के रोने कीआवाज कुंए में रहे वाली परियों को सुनाई देती है वह सोचती है की इतनी बुरी दुर्दशा में कौन रो रहा है चलो ऊपर जाकर देखते है और शेख चिल्ली से उसके रोने का कारण पूछा। शेख चिल्ली ने उन्हें सारी कहानी सुनाई। यह सुनकर परियां हंस पड़ीं। उन्होंने कहा, “हमने आपको एक खतरनाक राक्षस के रूप में सोचा था, इसलिए हमने आपको खुश करने के लिए मोहक चीजें दीं, लेकिन आप एक बहुत ही सामान्य व्यक्ति हैं। आप परेशान न हों हम आपकी मदद करेंगे। हम आपको एक रस्सी और एक छड़ी दे रहे हैं। उन्हें एक बार फिर उन लोगों के घर ले जाओ जिन्होंने तुम्हारा सामान चुराया है। उन्हें इस रस्सी से बांधें और डंडे से पीटें। उसके बाद घरवाले तुम्हें तुम्हारा सामान वापस दे देंगे।” इतना कहकर परी वापस कुएं में चली गई।

कुँए में रहने वाली परियों की बात को मानकर शेखचिल्ली वापस उसी घर में गया और उस घर में जाकर घरवालों से कहा की मुझे एक न्य जादू आता है क्या में तुम्हें दिखा सकता हूँ उस घर के एक लालची व्यक्ति ने उसको अपने घर में अंदर बुला लिया जैसे ही शेखचिल्ली घर में गया तो उसके पास परियो की दी हुई जादू की रस्सी ने शेखचिल्ली के इशारे पर उनको बंधक बना लिया और एक बड़े डंडे से उन्हें पीटने लगा . दर्द के कारण पति-पत्नी दोनों जोर-जोर से चिल्लाने लगे और शेख चिल्ली से माफी मांगने लगे। शेख चिल्ली ने कहा, “तुमने मुझे धोखा दिया है। तुमने मेरा सामान चुराकर मेरा भरोसा तोड़ा है। जब तक तुम मेरा सामान वापस नहीं करोगे, यह छड़ी नहीं रुकेगी।” यह सुनकर पति-पत्नी ने अपना सामान शेख चिल्ली को लौटा दिया। इसके बाद शेखचिल्ली ने रस्सी और छड़ी को रुकने का आदेश दिया।

दोनों चीजें पाकर शेखचिल्ली खुशी-खुशी घर वापस चली गई। शेखचिल्ली को देखकर उसकी पत्नी गुस्से से रो पड़ी, “तुम वापस आ गए! अगर तुम घर में घुसे तो मैं तुम्हें बेलन से पीट दूंगा।” यह सुनकर शेख चिल्ली ने अपने मन में रस्सी और लाठी को अपनी पत्नी को बांधने का आदेश दिया और उसे पीटना शुरू कर दिया। रस्सी और छड़ी के अद्भुत प्रदर्शन को देखकर पत्नी डर गई और शेखचिल्ली से वादा किया कि वह उसके साथ फिर कभी बुरा व्यवहार नहीं करेगी। इसके बाद कहीं जाकर रस्सी व डंडे से छुड़ाया। इसके बाद शेख चिल्ली ने जादुई कठपुतली और कटोरियों का जादू दिखाया।

कहानी से सबक:

Sheikh Chilli Ki Kahani Ka Moral: हमें कभी भी किसी को धोखा या लालच नहीं करना चाहिए। नतीजा हमेशा बुरा ही होता है।