आज मैं आपको तेनाली राम की मजेदार कहानी बताने जा रहा हूं, वह है
रूट ऑफ रसगुल्ला तेनाली रमन स्टोरी इन हिंदी।
तेनाली राम की कहानी रसगुल्ला की जड़
एक बार ईरान का एक व्यापारी राजा कृष्णदेव राय के दरबार में आया।
राजा कृष्णदेव राय ने अपने एक मंत्री को उनके भोजन और ठहरने की उचित व्यवस्था करने का आदेश दिया।
एक दिन रसोइए ने खाने के साथ मीठे रसगुल्ले बनाए। व्यापारी ने कहा, “मुझे रसगुल्ला नहीं चाहिए,
लेकिन क्या आप मुझे रसगुल्ला की जड़ दे सकते हैं?” रसोइया उसके मन में सोचने लगा, “रसगुल्ला की जड़!”
रसोइया को व्यापारी की बात समझ में नहीं आई और उसने राजा कृष्ण देव राय को व्यापारी की माँग के बारे में बताया।
व्यापारी की मांग सुनकर राजा कृष्णदेव राय हैरान रह गए। वे व्यापारी की मांग को पूरा करना चाहते थे।
थोड़ा सोचने के बाद उन्होंने अपने चतुर मंत्री तेनालीराम को बुलाया।
राजा ने कहा, “तेनाली, हमारे मेहमान को रसगुल्ले की जड़ चाहिए।
बता सकते हैं रसगुल्ला की जड़ कहां से लाएं?
” तब तेनालीराम ने कहा, “जी महाराज, मुझे एक दिन का समय दीजिए।
” तेनालीराम एक दिन का समय मांग कर चला गया।
अगली सुबह, तेनालीराम मलमल के कपड़े से ढका कटोरा लेकर दरबार में आए।
प्याले के ऊपर से ढँका हुआ कपड़ा हटाकर, प्याले को व्यापारी के हाथ में रखकर कहा, रसगुल्ला की जड़ लो।
तब राजा ने कहा, “यह तेनाली क्या है?” तेनालीराम ने कहा, “मीठा चीनी से बनता है और चीनी का स्रोत गन्ना है।
इसलिए रसगुल्ला की जड़ गन्ना है।”
तेनालीराम की चतुराई से सभी दरबारी, व्यापारी और महाराज कृष्णदेव राय हँस पड़े।
वे सभी तेनालीराम की बात से सहमत थे।
तेनालीराम “तेनाली राम की कहानी” की यह कहानी आपको मिलेगी।
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