Panchantra short stories Hindi mein-The Story Of Great Monkey In Hindi

 Panchtantra short stories hindi mein-महाकपि का बलिदान |

हिमालय के जंगल में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो अपने आप में अनोखे हैं। ऐसे पेड़-पौधे और कहीं नहीं मिलते।

उन पर उगने वाले फल और फूल अलग-अलग होते हैं।

इन पर लगे फल इतने मीठे और सुगंधित होते हैं कि कोई इन्हें खाए बिना नहीं रह सकता।

ऐसा ही एक पेड़ नदी के किनारे था, जिस पर सभी वानर अपने राजा के साथ रहते थे।

वानरों के राजा का नाम महाकापी था। महाकापी बहुत बुद्धिमान और ज्ञानी थे।

महाकापी का आदेश था कि उस पेड़ पर कभी कोई फल नहीं रहना चाहिए।

जैसे ही फल पकता था, बंदर उसे खा जाते थे। महाकापी का मानना ​​था

कि अगर कोई पका हुआ फल टूटकर नदी के रास्ते किसी इंसान तक पहुंच जाए

तो यह उनके लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। सभी बंदरों ने महाकापी की बात मान ली और उनकी बात मान ली,

लेकिन एक दिन एक पका हुआ फल नदी में गिर गया, जो पत्तों के बीच छिपा था।

फल नदी में बह गया और उस स्थान पर पहुँच गया जहाँ एक राजा अपनी रानियों के साथ चल रहा था।

फल की सुगंध इतनी अच्छी थी कि रानियों ने खुशी से अपनी आँखें बंद कर लीं।

राजा भी इस सुगंध से मोहित हो गए। राजा ने चारों ओर देखा तो देखा कि फल नदी में बह रहा है।

राजा ने उसे उठाकर अपने सिपाहियों को दिया और किसी से कहा कि इसे खाओ और देखो कि यह फल कैसा है।

Panchtantra ki kahani

एक सिपाही ने वह फल खाकर कहा कि यह बहुत मीठा है।

इसके बाद राजा ने भी वह फल खाया और प्रसन्न हुए।

उसने अपने सैनिकों को उस पेड़ को खोजने का आदेश दिया जिससे यह फल आया था।

काफी मशक्कत के बाद राजा के सैनिकों को वह पेड़ मिला।

उसने नदी के किनारे उस खूबसूरत पेड़ को देखा। उस पर कई बंदर बैठे थे।

सैनिकों को यह बात अच्छी नहीं लगी और वे एक-एक कर वानरों को मारने लगे।

वानरों को घायल देखकर महाकापी ने बुद्धिमानी से काम लिया।

उन्होंने पेड़ और पहाड़ी के बीच एक सेतु के रूप में एक बांस की छड़ी लगाई।

महाकापी ने सभी बंदरों को उस पेड़ को छोड़कर पहाड़ी के दूसरी ओर जाने का आदेश दिया।

वानरों ने महाकापी की आज्ञा का पालन किया और वे सभी बांस के सहारे पहाड़ी के दूसरी ओर पहुंच गए

, लेकिन इस दौरान भयभीत बंदरों ने महाकापी को बुरी तरह कुचल दिया।

सिपाहियों ने तुरन्त राजा के पास जाकर सारी बात बता दी।

राजा महाकापी की वीरता से बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने सिपाहियों को आदेश दिया

कि वे तुरंत महाकापी को महल में लाकर उसका इलाज कराएं। सिपाहियों ने वैसा ही किया,

लेकिन जब तक महाकापी को महल में लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

Moral of the story :कहानी से सीखो:

वीरता और ज्ञान हमें इतिहास के पन्नों में स्थान दिलाते हैं। इसके साथ ही इस कहानी से यह भी सीख मिलती है कि हर मुश्किल समय में समझदारी से काम लेना चाहिए।